Rādhā. [lekhaka] Jānakīvallabha Śāstrī, Volume 5Lokabhāratī Prakāśana, 1971 - Rādhā (Hindu deity) |
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... किया , सीखा विचाराचार - ग्रन्थन ; तपोवन का सुमन वातावरण था सुगन्धित शूल वनकुसुमाभरण था कि साक्षात्कार आश्रम - धर्म से कर प्रकाशित ...
... किया , सीखा विचाराचार - ग्रन्थन ; तपोवन का सुमन वातावरण था सुगन्धित शूल वनकुसुमाभरण था कि साक्षात्कार आश्रम - धर्म से कर प्रकाशित ...
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... किया था राम ने जो , काम था वह ? की अरावण जग किया , निष्काम था वह निकाला ढूंढ़ तूने कौन रावण ? सखा संगी कि जो गुरुजन स्वजन गण ! कहां के ...
... किया था राम ने जो , काम था वह ? की अरावण जग किया , निष्काम था वह निकाला ढूंढ़ तूने कौन रावण ? सखा संगी कि जो गुरुजन स्वजन गण ! कहां के ...
Page 101
... की मापीं , घनेरे— अगम वन - पर्वतों को पार करके सुमन से तोड़ कांटे प्यार करके किया जितना नहीं सन्तुष्ट उससे , दिया आनन्द , बिदके , दुष्ट ...
... की मापीं , घनेरे— अगम वन - पर्वतों को पार करके सुमन से तोड़ कांटे प्यार करके किया जितना नहीं सन्तुष्ट उससे , दिया आनन्द , बिदके , दुष्ट ...
Common terms and phrases
अपना अब असुर आप उद्धव उन्हें उसी उसे एक और कब कभी कर करते करने कर्म कह कहा कहां कहीं का कि किन्तु किया किस किसी की कुछ कृष्ण के कैसे को कोई कौन क्या क्यों गई गए गगन गया गहन घन जग को जब जल जहां जाए जिसे जीवन जो ज्ञान ज्यों तन तम तुम तू तो था थी थे दिन दी दृग देख धर्म नभ नयन नया नये नहीं नहीं जो नहीं है ने पर प्रकृति प्राण फिर बांसुरी बात बिना भर भले भी भूल मन मनुज मरण महाभारत मां मिला मुझे में में ही मेरा मेरे मैं मैंने यह यहां यही या युधिष्ठिर रवि रह रहा है रही रहे राम लिए ले वन वह विश्व विश्वास श्रीकृष्ण सकता सत्य सदा सब सभी समय समर सिर सुना सुर से स्वयं स्वर हम ही हुआ हुई हुए हूं हृदय है हैं हो हों होंगे होगा होता होती होते