ऑडिट रिपोर्ट: राजकमल चौधरी की कविताएं

Front Cover
Vāṇī Prakāśana, 2006 - Hindi poetry - 295 pages

From inside the book

Contents

Section 1
5
Section 2
13
Section 3
23
Copyright

30 other sections not shown

Other editions - View all

Common terms and phrases

अथवा अपना अपनी अपने अब अर्थ आंखें आंखों आदमी इस उस उसकी उसके एक ही और कभी कर करता करती करते करने कविता कविताएं कहा कहीं का काली कि किंतु किया किसी की तरह कुछ के लिए के साथ केवल को कोई क्या क्यों क्योंकि गई गए गया है घर चाय जब जा जाता जाती है जाते जाने जीवन जैसे जो तक तीन तुम तुम्हारे तुम्हें तो था थी थे दास दिन दिया दीवार दो दोनों नई नदी नहीं है नाम नींद ने पटना पर पहले फिर फूल बंद बन बहुत बात बार बिल्ली भर भी मुझे में मेरा मेरी मेरे मैं मैंने यह यहां यही या ये रह रहता रहती रहते हैं रहा रही है रहे रात लिया लेकिन लोग वह वही वापस शब्द शहर सफेद समय सिर्फ से स्त्री हम हमारे हर हाथ ही हुआ हुई हुए हूं है और है कि हैं हो होगा होता है

Bibliographic information