Anupalabdha-Saṃskr̥ta-rūpaka

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Pratibhā Prakāśana, 2000 - Sanskrit drama - 291 pages

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Section 1
1
Section 2
94
Section 3
165
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अंक अन्य कुछ कहना अपने अभिनवगुप्त अर्थात् इस नाटक का इस प्रकार प्रस्तुत इस रूपक का इसके पूर्व माना इसके रचयिता का इसमें उदाहरणार्थ इस नाटक उपर्युक्त ग्रन्थों में उल्लिखित होने के और कर करने कहना संभव नहीं का नाम अज्ञात का निम्नलिखित उद्धरण काव्य किया गया है की कुछ कहना संभव के अनुसार के उदाहरणार्थ इस के कारण इसका के द्वारा के संबंध में को जा सकता है तथा था थी थे दुर्योधन नाटकलक्षणरत्नकोश नाम अज्ञात है नामक नायिका ने पर पूर्व माना जा पृष्ठ प्रकार प्रस्तुत किया प्रस्तुत किया है भावप्रकाशन भी माना जा सकता में अन्य कुछ में उल्लिखित होने में मिलता है यथा यह या इसके पूर्व रचयिता का नाम राजा राम रामचन्द्र रामायण रावण रूपक के संबंध लक्ष्मण शती या इसके संबंध में अन्य संभव नहीं है संस्कृत सागरनन्दी ने साहित्यदर्पण सीता सुग्रीव से हुए है कि हैं हो होता है होने के कारण

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