Eka choṛa eka |
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... बोला , " समझके बोला करिएगा जनाब ! पहुँचे हुए हैं साधूजी । अभी गुस्सा हो जाते तो खैर न थी । जे किसी से माँगने नहीं जाते हैं कहीं , ईसुर ...
... बोला , " समझके बोला करिएगा जनाब ! पहुँचे हुए हैं साधूजी । अभी गुस्सा हो जाते तो खैर न थी । जे किसी से माँगने नहीं जाते हैं कहीं , ईसुर ...
Page 85
... बोला , " सालो ! मेरे पड़ोस में ये गुल ? अंतड़ियों की धज्जी - धज्जी उड़वा दूंगा मरदूदो , मैं सरकारी आदमी हूँ । हरामी " वह और बकनेवाला था ...
... बोला , " सालो ! मेरे पड़ोस में ये गुल ? अंतड़ियों की धज्जी - धज्जी उड़वा दूंगा मरदूदो , मैं सरकारी आदमी हूँ । हरामी " वह और बकनेवाला था ...
Page 89
... बोले , “ पंडितजी , आप शरीफ आदमी हैं । क्यों इन गुण्डों के मुँह लगते हैं ? " १ " जी हाँ , ” कालू बोला , “ मैं भी यही सोचता हूँ । मगर देखिये ...
... बोले , “ पंडितजी , आप शरीफ आदमी हैं । क्यों इन गुण्डों के मुँह लगते हैं ? " १ " जी हाँ , ” कालू बोला , “ मैं भी यही सोचता हूँ । मगर देखिये ...
Common terms and phrases
अपना अपनी अपने अब अभी आज आदमी आनन्दी आप आया इस उठा उन्हें उन्होंने उस उसका उसकी उसके उसने उसे एक ओर और औरत कर करता करते करने कहाँ कहीं का काम कालू ने कि किया किसी की कुछ कुत्ता के के लिए को कोई कौन क्या क्यों क्योंकि गई गए घर चम्पा चल चला चाय जब जा जाता जाने जैसे जो ठीक डॉक्टर तक तब तरफ तुम तो था कि थी थीं दारोगाजी दिन दिया दी दे देख देखकर देखा दो दोनों नहीं ने कहा पड़ा पर पहले पास पूछा फिर बच्चे बहुत बात बाद बाहर बोला भी मगर मन मुँह मुझे में मेरी मेरे मैं मैंने यह यहाँ यही रग्घू रफीक रहा था रही थी रहे थे रुपया लगा लगे लिया ले लेकिन लोग वकील वह वे सब साथ सामने साहब सिर सुक्खी से हम हाँ हाथ ही हुआ हुई हुए हूँ है हैं हो गया