Maśāla: UpanyāsaNilābha Prakāśana, 1957 - 240 pages |
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... है और कोई रस्सी उठा लेता है । इस झुण्ड में पाँच - सात लड़कों से कम नहीं होते हैं । उनमें से कितनों को सचमुच प्यास लगी रहती है , यह ...
... है और कोई रस्सी उठा लेता है । इस झुण्ड में पाँच - सात लड़कों से कम नहीं होते हैं । उनमें से कितनों को सचमुच प्यास लगी रहती है , यह ...
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... हैं , देखने लगते हैं , और एक - दूसरे से कहते हैं , “ देखो , देखो , उसकी आँखों में सोने - चाँदी के कन चमक रहे हैं ! " कोई कहता है , कि बड़े ...
... हैं , देखने लगते हैं , और एक - दूसरे से कहते हैं , “ देखो , देखो , उसकी आँखों में सोने - चाँदी के कन चमक रहे हैं ! " कोई कहता है , कि बड़े ...
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... हैं और ढेले उठा उठा , आने - जाने वालों की नजरें बचा , निशाना साधते हैं । कभी जब दो - चार बियाँ उनके हाथ लग जाती हैं , तो मिल - जुल कर ...
... हैं और ढेले उठा उठा , आने - जाने वालों की नजरें बचा , निशाना साधते हैं । कभी जब दो - चार बियाँ उनके हाथ लग जाती हैं , तो मिल - जुल कर ...
Common terms and phrases
अपना अपनी अपने अब आँखें आँखों आज आदमी आप इस उठा उनके उन्हें उस उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ऐसे और करता करने कह कहा कहाँ का कानपुर काम कि किया किसी की ओर की तरह कुछ के पास के लिए को कोई क्या क्यों गयी गये घर जब जा जाने जिन्दगी जैसे जो तक तुम तो थी थीं दिन दिया दुनिया दे देख देखा देश दो नरेन नरेन ने नहीं ने ने कहा पड़ा पर पानी फिर बहुत बात बातें बाद बार बोला बोली भर भाभी भी मंजूर मजदूर मजदूरों मदीना माँ मालूम मिल मुँह मुझे में मैं यह यहाँ या याद रह रहा था रहा है रही थी रहे थे रूस लगा लगी लिया ले लेकिन वक्त वह वहाँ वे शकूर श्राज सकीना सकीना की सब समझ साथ सामने साहब सिर से हम हर हाथ ही हुआ हुई हुए है हैं हो गया होता