Naye TānasenaKalyāṇamala, 1966 - 130 pages |
Common terms and phrases
अच्छा अनिल अपने अब अभी अरे अवकाश असलम आप इस उभर कर डूब उसे एक कर डूब जाता करना करने करो कह कहा कहाँ का काम किराये किशोर किसी की कुछ कुलबोरन के लिए को कोई कौन क्या क्यों गई गए गया गोबर घर चम्पा चला चलो चाय चेतन जब जरा जा जी जो टिकट ठीक डूब जाता है तक तानसेन तुम तुमने तुम्हारे तुम्हें तो था थी दरवाजा दिया दिलीप दे देख देखो दो दोस्त नहीं नाम नीलकंठ नीलू ने पत्र पर फिर बस बसन्त बहुत बात है बिलकुल बैजू बावरा भगवान भाई भी मकान मगर मत माला मीना मुक्ता मुझे में मेरा मेरी मेरे मैं मैंने मोहन यह यहाँ ये रमेश रहा हूँ रहा है रही रहे हो रुपए रोज लिया ले लो लोग वह वाले शर्मा श्रानन्द श्राभा संगीत उभर कर सब साथ साहब से स्वर हम हाँ ही हुआ हुए हूँ है और हैं होगा