Khānakhānā nāmā

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Pratibhā Pratishṭhāna, 2001 - Mogul Empire - 207 pages
On the life and achievements of Bairam Khan, 1524?-1561, ruler in the Mughal Empire and Khan Khanan Abdur Rahim Khan, 1556-1627, Braj poet.

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१० अकबर अपनी अपने अब अमीर आगे आया आये इन इस इसलिये उनकी उनके उनको उन्होंने उस उसका उसकी उसके उसको उसने ऊपर एक और कई कर करके करते कहा कि का काबुल काम किया और की कुछ के को क्योंकि खानखाना खानखानाकी खानखानाने गया और गया था गयी गये गुजरात गुरुवार जब जाकर जाता जाना जिससे जो तक तब तुर्क तो था था और था कि थी थे दिन दिया दिये दी दूसरे दे देखकर दो नहीं नाम पर परन्तु पहले पहुंचे पास पीछे पौष फतह फारसी फिर बड़े बदी बहुत बात बादशाह बादशाहने बाबर बेटे बैरमखां भी भेजा मिरजा मुहम्मद में मैं यह ये रहा रहीम रहे राजा लिखा है लिया लिये ले लोग वह वहां वास्ते वे शाह संवत् सन् सब समय साथ सुदी सुनकर सुलतान से हम ही हुआ हुई हुए हुक्म है और है कि हैं होकर

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